दिल्ली मेट्रो ने फेज-3 की लाइनों पर रविवार को मेट्रो सेवा शुरू करने की टाइमिंग में बड़ा बदलाव किया है। अब मेट्रो ट्रेनें सुबह 8 बजे की बजाय 6 बजे और 7 बजे से शुरू होंगी। यह बदलाव 25 अगस्त, रविवार से प्रभावी होगा और इसका असर दिल्ली मेट्रो की 7 प्रमुख लाइनों पर पड़ेगा।
लोगों की मांग पर किया गया बदलाव
डीएमआरसी ने इस बदलाव को लोगों की शिकायतों और सुझावों के आधार पर लागू किया है। हाल ही में किए गए कस्टमर सेटिफिकेशन सर्वे में भी यात्रियों ने मेट्रो की टाइमिंग को लेकर अपनी राय दी थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली मेट्रो ट्रेनों की टाइमिंग को कैसे तय करता है और इस बदलाव का आधार क्या होता है।
कैसे तय होती है मेट्रो ट्रेनों की टाइमिंग
मेट्रो ट्रेनों की टाइमिंग निर्धारित करते समय सबसे पहले यह देखा जाता है कि कौन सी लाइन शहर के किन हिस्सों से होकर गुजरती है और वहां कितने स्कूल, अस्पताल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, शॉपिंग सेंटर या अन्य महत्वपूर्ण स्थान हैं। यात्रियों की आवागमन संबंधी जरूरतों का आकलन करते हुए मेट्रो की टाइमिंग तय की जाती है। साथ ही, रात को ट्रेनें कितने बजे डिपो में पहुंचती हैं और उनके मेंटेनेंस में कितना समय लगता है, इसे भी ध्यान में रखा जाता है। मेट्रो की फ्रीक्वेंसी भी समय के अनुसार एडजस्ट की जाती है।
छात्रों और रेल यात्रियों को होगा फायदा
इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ रविवार को प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले छात्रों और दिल्ली के बाहर से आने वाले यात्रियों को मिलेगा। खासकर हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले लंबी दूरी के रेल यात्रियों के लिए यह निर्णय बेहद फायदेमंद साबित होगा। पहले जब प्रतियोगी परीक्षाएं होती थीं, तो मेट्रो को अस्थायी रूप से अपनी टाइमिंग बदलनी पड़ती थी। अब इस नए बदलाव से यह परेशानी स्थायी रूप से हल हो जाएगी।