Overview:
Dwarka Expressway की टनल अब तैयार
टनल की लंबाई 3.6 किलोमीटर
IGI एयरपोर्ट के नीचे से निकाली गई है टनल
वर्तमान में दिल्ली एनसीआर और ट्रैफिक जाम दोनों ही समानार्थी शब्द लगते है. क्योकि दिल्ली एनसीआर में कही भी जाइये चाहे वो हाईवे हो, सबवे हो या फिर गली मोहल्ले की सड़क हो ट्रैफिक जाम तो आपको मिलेगी ही. हमेशा ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रही दिल्ली के लिए यह खबर थोडा राहत देने वाला हो सकता है. जी हाँ दोस्तों दिल्ली NCR को अब ट्रैफिक की परेशानी से राहत मिलने जा रही है. Dwarka Expressway Tunnel Update आ गई है. चलिए जानते है.
आपको बता दें की Dwarka Expressway Tunnel अब बनकर तैयार है. thedailyjagran पर आई एक पोस्ट के अनुसार इसका ट्रायल 29 मई को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किया गया. यह ट्रायल केवल तीन घंटे का था. वर्तमान में इस टनल को ट्रायल के तौर पर चलाया जायेगा. फिर जब सबकुछ ठीक होगा तब यह सभी लोगो केलिए हमेशा केलिए चालू कर दिया जायेगा.
शुरू हुआ Dwarka Expressway Tunnel का ट्रायल
आइये जानते है यह टनल कहाँ से कहाँ तक जाएगी. यह टनल IGI Airport के नीचे बनाई गई है. इसकी लंबाई 3.6 किलोमीटर है. यह टनल दिल्ली से Gurugram को जोड़ती है. साथ ही यह Dwarka से सीधे Airport और Yashobhoomi तक जाती है. अब यहां से Gurugram और Manesar जाना आसान होगा. जिन जगहों के लोगो को सबसे ज्यादा फायेदा होगा उनके नाम निचे दिए गए है.
- द्वारका
- यशोभूमि (Yashobhumi)
- गुरुग्राम (Gurugram)
- सिरहौल (Sirhaul)
- टर्मिनल 3 (Terminal 3 – IGI Airport)
- अलीपुर (Alipur)
- सिंघू बॉर्डर (Singhu Border)
- फरीदाबाद (Faridabad)
- मानेसर (Manesar)
- सोनीपत (Sonipat)
- पानीपत (Panipat)
- चंडीगढ़ (Chandigarh)
दिल्ली NCR में केवल Dwarka Expressway ही नहीं बल्कि Namo Bharat ट्रेन नेटवर्क भी फैल रहा है. दिल्ली मेरठ नमो भारत ट्रेन की अटूट सफलता के बाद अब दुसरे कॉरिडोर की कायावाद तेज कर दी गई है. लेटेस्ट अपडेट में नमो भारत का एक नया कॉरिडोर ट्रेन Ghaziabad से शुरू होकर Jewar और Faridabad तक जाएगी. Noida और Gurugram भी इस नेटवर्क का हिस्सा होंगे.
द्वारका एक्सप्रेसवे वाली इस टनल के चालू होते ही दिल्ली NCR में ट्रैफिक का बोझ कम होगा. इस टनल को कुल 8 लेन का बनाया गया हैं. टनल को आम यात्रियों के लिए 5 जून से खोला जा सकता है. अभी इसका अंतिम परीक्षण किया जा रहा है. ट्रायल पूरी तरह से ख़त्म होने के बाद सभी गाड़ियों को इससे गुजरने की अनुमति मिल जाएगी.