ट्रेन का सफर आपने कभी न कभी जरूर किया होगा. किसी के लिए यह सफर बेहद खूबसूरत तो किसी से लिए उबाऊ और थकाऊ होता है. लेकिन आज हम आपको दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्रा के बारे में बता रहे हैं, जो आपको रोमांच और अद्वितीय अनुभव से भर देगी।
7 दिन का लंबा सफर
दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्रा रूस के मॉस्को से नॉर्थ कोरिया के प्योंगयांग तक चलने वाली ट्रांस साइबेरियन ट्रेन है। यह सफर 7 दिन, 20 घंटे और 25 मिनट का होता है। इस दौरान आपको 142 स्टेशन, 87 शहर, 16 नदियाँ, पहाड़, जंगल, और बर्फीले मैदान देखने का मौका मिलता है।
ट्रांस साइबेरियन ट्रेन का इतिहास
1916 में शुरू हुई ट्रांस साइबेरियन रेलवे की स्थापना का उद्देश्य साइबेरिया की आबादी बढ़ाना और उसका आर्थिक विकास करना था। यह ट्रेन रूस की राजधानी मॉस्को से लेकर व्लादिवोस्तोक तक जाती है और वहाँ से मंगोलिया और बीजिंग की ओर अपनी शाखाएं फैलाती है।
यात्रा का अनूठा अनुभव
इस ट्रेन का सफर एक अनूठा अनुभव है, जहाँ आप सात दिनों तक एक ही कोच और एक ही सीट पर समय बिताते हैं। रास्ते में आपको खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का भरपूर आनंद मिलेगा। ट्रेन की धीमी गति और लंबे सफर के कारण यह यात्रा आपके जीवन का यादगार हिस्सा बन सकती है।
नॉर्थ कोरिया से मास्को तक
नॉर्थ कोरिया से रूस के मास्को आने वाले यात्रियों को व्लादिवोस्तोक तक ट्रेन पहले लेकर आती है, जहां से वे मास्को के लिए जाने वाली ट्रेन से जुड़ जाते हैं। इस तरह, प्योंगयांग से मास्को तक का सफर बिना किसी ट्रेन या कोच बदलने के संभव होता है।
यात्रा की विशेषताएँ
- कुल दूरी: 10214 किलोमीटर
- समय: 7 दिन, 20 घंटे, 25 मिनट
- स्टेशन: 142
- शहर: 87
मासिक यात्रा
नॉर्थ कोरिया से यह ट्रेन महीने में दो बार चलती है, लेकिन मास्को से प्योंगयांग तक नहीं जाती। मास्को से प्योंगयांग जाने वाले ट्रेन के डिब्बों को नॉर्थ कोरिया के तुमांनगेन स्टेशन तक ट्रेन लाती है और फिर वहां से अन्य ट्रेन के पीछे जोड़ दिया जाता है।
ट्रांस साइबेरियन ट्रेन एक ऐसी यात्रा है जो न सिर्फ दूरी में सबसे लंबी है, बल्कि अनुभवों में भी सबसे विशेष है। अगर आप लंबे सफर का आनंद लेना चाहते हैं और एक अनोखा अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह यात्रा आपके लिए परफेक्ट हो सकती है।